लेखनी प्रतियोगिता -10-Jul-2022 हे प्रभु बस तू ही है मेरा सखा
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-हे प्रभु! बस तू ही है मेरा सखा
हे प्रभु! तू ही है मेरा सखा
तेरी मित्रता में नहीं है कोई छलावा
रखना तेरा मेरा ऐसा रिश्ता
जैसे थी कृष्ण सुदामा की मित्रता
सारी दुनिया गाती है इनकी गाथा
हे प्रभु! ना हो रिश्तो में भेदभाव की सीमा
हे प्रभु! तू ही है मेरा सखा
अब दिखा मुझे रास्ता
कृष्ण द्रोपदी की थी मित्रता
जिस ने बचाई द्रोपदी की लज्जा
हे प्रभु! साथ बनाए रखना हमेशा
हे प्रभु! तुझपे है मुझे विश्वास
अटूट रहेगा हमारा यह साथ
तेरी मित्रता में हैं शुद्धतम प्रेम
ना होता कोई छल कपट
हे प्रभु! ना होती मित्रता में कोई शर्त
प्रेम होता हमेशा निश्छल
नहीं होता कोई भी तर्क
होता है सिर्फ प्यार का मर्म
हे प्रभु! तू रहना बनकर मेरा सखा
नाहीं तुझमे कोई बदले की भावना
ना ही मुझ में कोई वासना
बस एक ही मांगता हूं इच्छा
हमेशा बनी रहे अपनी मित्रता
बस तेरी ही मीत में
जीवन हो मेरा आनंदित
हे प्रभु ! करता हूं मेरा जीवन तुझ में समर्पित
Seema Priyadarshini sahay
11-Jul-2022 04:15 PM
बेहतरीन रचना
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Rahman
11-Jul-2022 11:15 AM
Amazing
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Saba Rahman
11-Jul-2022 10:46 AM
Beautiful
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